IP Telephony in Hindi – What Is IP Telephony in Hindi
आईपी टेलीफोनी क्या है ?
IP Telephony का पूरा नाम Internet Protocol Telephony (इंटरनेट प्रोटोकॉल टेलीफोनी) है। आईपी टेलीफोनी एक टेलीफोन सिस्टम है जिसमें इंटरनेट का इस्तेमाल कम्युनिकेशन के लिए किया जाता है।
दूसरे शब्दों में कहें तो, “आईपी टेलीफोनी एक तकनीक है जिसमें इंटरनेट का इस्तेमाल voice call करने के लिए किया जाता है और डेटा को send तथा receive करने के लिए किया जाता है।”
जो लैंडलाइन फ़ोन होते हैं उनमें कॉपर की तार (wire) का इस्तेमाल कॉल को करने के लिए किया जाता है परंतु IP Phone में इंटरनेट का इस्तेमाल कॉल करने के लिए किया जाता है।
आईपी टेलीफोनी में डेटा को ट्रांसफर करने के लिए internet protocol का इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल ज्यादातर लम्बी दूरी के संचार के लिए किया जाता है।
IP telephony एक प्रकार का शब्द है जो डेटा कम्युनिकेशन को परिभाषित करता है। इसमें डेटा को ट्रांसफर करने के लिए इंटरनेट का प्रयोग किया जाता है।
P Telephony में, यदि आप PBX system का उपयोग करते है तो डेटा को LAN (लोकल एरिया नेटवर्क) पर डिजिटल रूप से ट्रांसफर किया जायेगा।
इसके बाद उसी डेटा को एनालॉग वॉयस सिग्नल में बदल दिया जायेगा और PSTN को भेज दिया जायेगा। इस टेलीफोनी का उपयोग करके लोग स्मार्ट तरीके से संचार कर पा रहे है।
IP टेलीफोन 1995 के दशक में बजार में आये थे जिन्होंने दूरसंचार (telecommunication) को काफी सरल बना दिया। इसका उपयोग लैंडलाइन फ़ोन नेटवर्क और टेलीफोन सिस्टम के स्थान पर किया जाता है।
आईपी टेलीफोनी में संचार करने के लिए यूजर को एक मजबूत इंटरनेट कनेक्शन, नेटवर्क सेटअप और एक app की आवश्यकता पड़ती है जिसके माध्यम से वह फ़ोन कॉल करता है।
स्काइप (Skype), वाइबर (Viber), फेसबुक (Facebook), गूगल वॉयस (Google voice), और व्हाट्सएप (WhatsApp) कुछ लोकप्रिय एप्लीकेशन है जो IP टेलीफोनी के माध्यम से लोगो को संचार करने में मदद करते है।
Advantages of IP Telephony in Hindi – आईपी टेलीफोनी के फायदे
इसके निम्नलिखित फायदे होते है:-
- Lower cost (कम कीमत) - यह तकनीक काफी सस्ती है। यदि हम लैंडलाइन फ़ोन का उपयोग करते है तो उनमे काफी खर्चा आता है क्योकि उनमे कम्युनिकेशन करने के लिए तार का उपयोग किया जाता है जो काफी महंगी होती है।
- Long Distance Communication (लंबी दूरी तक संचार) - इस तकनीक में हम लम्बी दूरी या इंटरनेशनल कम्युनिकेशन कर सकते है। यह तकनीक वायरलेस है जिसके कारण इसके द्वारा दुनिया के किसी भी कोने से कम्युनिकेशन किया जा सकता है।
- Scalability - यह scalable है जिसका अर्थ यह है कि इसे बढ़ाया जा सकता है। एक वायर्ड फ़ोन लाइनों की तुलना में नई IP टेलीफोनी लाइनों को आगे बढ़ाना काफी सरल होता है।
- Portable - यह तकनीक portable है जिसके कारण इसका उपयोग किसी भी स्थान में किया जा सकता है।
- Better conferences (बेहतर कॉन्फ्रेंस) - लैंडलाइन फ़ोन की तुलना में IP टेलीफोनी में conferencing करना आसान है। इसमें यूजर बेहतर तरीके से conference call कर सकता है।
- Telecommunication (दूरसंचार) - यह तकनीक हमे दूरसंचार (telecommunication) करने में मदद करती है। इसका उपयोग करके हम लम्बी दूरी तक डेटा और सूचनाओं को ट्रांसफर कर सकते है।
- No Need Wire (किसी तार की जरूरत नही) - इसमें कम्युनिकेशन करने के लिए किसी प्रकार की तार की आवश्यकता नहीं पड़ती।
Disadvantages of IP Telephony in Hindi -आईपी टेलीफोनी के नुकसान
- High Speed Internet Connection (हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन) - IP टेलीफोनी में voice call करने या डेटा को ट्रांसफर करने के लिए हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता पड़ती है। यदि इंटरनेट की स्पीड धीमी है तो कनेक्शन टूट सकता है।
- Environment (वातावरण) - इस तकनीक में कम्युनिकेशन वायरलेस होता है। यदि वातावरण खराब है तो कम्युनिकेशन करते वक़्त यूजर को समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है।
- Power requirement (बिजली की जरूरत) - इस तकनीक में कम्युनिकेशन करने के लिए बिजली (power) की आवश्यकता पड़ती है। यदि बिजली की सप्लाई नहीं होती तो इसमें emergency call system काम नहीं करता।
- Reliable Internet Connection - इस तकनीक का उपयोग करने के लिए आपको एक विश्वसनीय (reliable) इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता पड़ती है ताकि कनेक्शन बना रहे और communication के दौरान यूजर को किसी समस्या का सामना ना करना पड़ता।
Components of IP Telephony in Hindi – आईपी टेलीफोनी के घटक
- IP Phone (आईपी फ़ोन) - यह IP टेलीफोनी का एक महत्वपूर्ण घटक (component) है जिसका इस्तेमाल आईपी टेलीफोनी नेटवर्क में कॉल करने के लिए किया जाता है। IP phone में कॉल करने के लिए विशेष प्रकार के हार्डवेयर का उपयोग किया जाता है।
- Switch (स्विच) - यह एक प्रकार का स्विच है जो traditional (पारंपरिक) switches के समान होता है। स्विच का मुख्य कार्य आवाज को प्राथमिकता देना होता है ताकि यूजर को कम्युनिकेशन करते वक़्त किसी समस्या का सामना ना करना पड़े।
- Call-processing manager (कॉल प्रोसेसिंग मैनेजर) - कॉल-प्रोसेसिंग मैनेजर का मुख्य कार्य फ़ोन कॉल को मैनेज और नियत्रित (control) करना होता है। इसका इस्तेमाल कॉन्फ़िगरेशन को manage करने के लिए भी किया जाता है। यह टेलीफोन डिवाइसों को चालू करने और नेटवर्क में कॉल को सेटअप करने में मदद करता है।
- Voice gateway (वॉयस गेटवे) - वॉइस गेटवे को वॉइस इनेबल राऊटर या वॉइस इनेबल स्विच भी कहते है। voice gateway कई प्रकार की आवाज सेवाएं (voice services) प्रदान करते है जैसे :- वॉयस-टू-आईपी कोडिंग, कम्प्रेशन, पीएसटीएन एक्सेस (PSTN access) , आईपी पैकेट रूटिंग, बैकअप कॉल प्रोसेसिंग और वॉयस आदि।