Biology GK Notes In Hindi

जीव विज्ञान GK से संबंधित अत्यंत महत्वपूर्ण प्रश्न

जीव विज्ञान

जीव विज्ञान, विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतगर्त जीवधारियों का अध्ययन किया जाता है। जीव विज्ञान शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम लैमार्क एवं ट्रेविरेनस ने ई. किया था। जंतुओं का अध्ययन जंतु विज्ञान, पादपों का अध्ययन वनस्पति विज्ञान तथा सूक्ष्मजीवों का अध्ययन सूक्ष्मजीव विज्ञान के अंतगर्त किया जाता है। अरस्तु को जीव विज्ञान का जनक कहते हैं।

कोशिका एवं कोशिकांग

सभी जीवधारियों का शरीर एक, जैसे जीवाणु, प्रोटोजोआ या अनेक, जैसे अधिकांश पादप एवं जंतु, इकाईयों से मिलकर बना है, इन इकाईयों को कोशिका कहते हैं। रॉबर्ट हुक ने कोशिका की खोज की तथा अपनी पुस्तक माइक्रोग्राफिया में इसे कोशिका नाम दिया। कोशिका जीवन की सबसे छोटी संरचनात्मक एवं कार्यात्मक इकाई है।

कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate)

कार्बोहाइड्रेट कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन से बने कार्बनिक पदार्थ हैं। रासायनिक दृष्टि से ये वे पदार्थ हैं, जो जल-अपघटक द्वारा पॉलीहाइड्रक्सी एल्डिहाइड या कीटोन देते हैं। पौधे प्रकाश-संश्लेषण द्वारा इनका निर्माण करते हैं।

कार्बोहाइड्रेट के स्त्रोत

इनके मुख्य स्रोत आलू, फल (केला, आम ), अनाज (चावल गेंहू, मक्का ), शर्करा (शहद, गन्ना, चुकंदर, जैम ) रोटी, दूध आदि हैं।

वसा या लिपिड्स

रासायिनक दृष्टि से लिपिड वसीय अम्लों तथा गिलसरॉल के एस्टर या गिल्सराइड्स होते हैं, इनमें ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है। एक ग्राम वसा से 9.3 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है।

वसा के स्रोत

मछली का तेल, घी, वनस्पति तेल, ताड़ का तेल, जंतु वसा, मक्खन बादाम आदि। यह त्वचा के नीचे जमा होकर शरीर के ताप को बहार नहीं निकलने देता है।

प्रोटीन

प्रोटीन शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम बर्जीलियस ने किया था। यह अत्यंत जटिल एवं नाइट्रोजन युक्त पदार्थ है और अमीनो अम्लों से बनी होती है। प्रोटीन में प्राथमिक, द्वितीयक तृतीयक तथा चतुर्थक संरचना होती हैं।

प्रोटीन के स्रोत

मुख्यतः दाल, मछली, अण्डा, पत्तीदार सब्जी, दूध, फल, सोयाबीन, पनीर दही आदि। प्रोटीन की कमी से बच्चों में क्वाशियोरकर तथा मैरेसंस रोग हो जाते हैं।

विटामिन (Vitamins)

विटामिन की खोज केसिमीर फुंक ने की थी। विटामिन भोजन के जटिल कार्बनिक यौगिक है, जो स्वयं ऊर्जा उत्पन्न नहीं करते, परन्तु इनकी सूक्ष्म मात्रा शरीर में उपापचय के लिए आवश्यक है। विटामिनों को दो समूह में वर्गीकृत किया जाता है। वसा में घुलनशील विटामिन A,D,E एवं K जल में घुलनशील विटामिन B कॉम्प्लैक्स एवं C

मोटा चारा (Roughage)

यह शरीर के जल को नियंत्रित करता है तथा आहारनाल के मार्ग को साफ़ रखता है। इसका मुख्य स्रोत सलाद अनाजों की बाह्य परत, सब्जियां एवं दलिया है। यह कुछ भोज्य पदार्थों में पाया जाने वाला तन्तुमय पदार्थ है।

जल (Water)

मानव शरीर में लगभग जल होता है। इसकी कमी से निर्जलीकरण हो जाता है। इसके मुख्य स्रोत तरल भोजन और पीने का जल है। यह पाचन, परिवहन एवं उत्सर्जन में सहायक है। यह पसीने एवं वाष्पन द्वारा शरीर का ताप नियंत्रित करता है।

खनिज लवण (Mineral Salts)

ये शरीर के ऊतकों के निर्माण के लिए कच्चा पदार्थ, एंजाइम तथा विटामिन के आवश्यक अंग हैं। ये हमारे शरीर का लगभग 6.1 % भाग बनाते हैं।

हृदय (Heart)

मानव का हृदय पेशी चालित या मायोजेनिक होता है। मनुष्य का हृदय चार वेश्मी होता है, जिसमें दो अलिंद तथा दो निलय होते हैं। दाएं अलिंद में अनॉक्सीकृत रुधिर आता है जो दाएं निलय में चला जाता है, जबकि बाएं अलिंद में ऑक्सीजन रुधिर आता है, जो बाएं निलय में चला जाता है। पहली हृदय ध्वनि लब तथा द्वितीय हृदय ध्वनि डप होती है।

हृदय प्रेरणा की उत्पत्ति शिरा अलिंद गांठ द्वारा होती है। यह हृदय का गति प्रेरक कहलाता है। हृदय के संकुचन से धमनियों की दीवारों पर पड़ने वाला दाब रुधिर दाब कहलाता है उस दाब को संकुचन दाब कहते हैं, जो निलयों के संकुचन के फलस्वरूप उत्पन्न होता है।